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Thursday 15 January 2015

मैं कवि नहीं

मैं कवि नहीं
मैं कवि नहीं ना मैं कोई शायर
फिर भी मेरे शब्द बिन्ध जाते हैं
तो कविता बनती है
मेरे अल्फ़ाज़ मिलते हैं तो नज़म