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Thursday, 16 October 2014

फ़ुर्सत

फ़ुर्सत में बैठेंगे तो दिल का हाल् सुनाएगे
ज़िंदगी में इतनी फ़ुर्सत ही कहाँ कि
साथ बैठे और दिल का हाल कहें

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