Blogadda

Thursday, 16 October 2014

फ़ुर्सत

फ़ुर्सत में बैठेंगे तो दिल का हाल् सुनाएगे
ज़िंदगी में इतनी फ़ुर्सत ही कहाँ कि
साथ बैठे और दिल का हाल कहें

Friday, 10 October 2014

दिल का हाल कहें किससे

दिल का हाल कहें किससे
कौन ऐसा हैं जो रुक कर
मेरे दिल का हाल सुने
कोई सगी है ना कोई साथी है
दिल के अरमान दिल में ही लिए जाते हैं