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Saturday, 20 December 2014

इज़ाजत

इज़ाजत
इज़ाजत दें तो में आऊँ
इज़ाजत दें तो में जाऊँ
इज़ाजत नहीं इज़ाजत माँगने की
इज़ाजत मिले तो क्या ना कर जाऊं

Saturday, 13 December 2014

नज़र नज़र की बात

नज़र नज़र की बात

नज़र नज़र की बात
कभी नज़र झुकी तो
कभी नज़र मुस्कुराई
जब पानी आँख में तो
बना आँसू
चड़ा चेहरे पर तो बना रुआब
जब शरम आई तो हुआ
इंसान पानी पानी

Sunday, 2 November 2014

पैड के नीचे

पैड के नीचे
कैसा यह साया है
कौन दिल का हाल सुनाने
अकेला यहाँ आया हैं
दिल में गम भरा है इतना
कि आँसू बन कर
आँखो से श्लक आया है

Thursday, 16 October 2014

फ़ुर्सत

फ़ुर्सत में बैठेंगे तो दिल का हाल् सुनाएगे
ज़िंदगी में इतनी फ़ुर्सत ही कहाँ कि
साथ बैठे और दिल का हाल कहें

Friday, 10 October 2014

दिल का हाल कहें किससे

दिल का हाल कहें किससे
कौन ऐसा हैं जो रुक कर
मेरे दिल का हाल सुने
कोई सगी है ना कोई साथी है
दिल के अरमान दिल में ही लिए जाते हैं

Thursday, 31 July 2014

दूर तक

 दूर तक अंधेरे की चादर है
पथरीले रास्ते पे चलते हुए पैरों की आहट है
यह कौन है जो चीर कर अंधेरे को
मेरी ओर चला आता है
शायद वो कोई और नहीं
है बस मेरा हमनशीं

Monday, 3 February 2014

जब बागों मैं

जब बागों मैं फूल खिलते हैं
तब तरह तरह के रंग खिलते हैं
दिल में भर जाती है खुशी की लहर
आसमान पे भाँति भाँति के पक्षी चहकते है
चारों तरफ खुशी का महॉल छाया है
शायद इसी में प्यार पनपता है