दूर तक अंधेरे की चादर है
पथरीले रास्ते पे चलते हुए पैरों की आहट है
यह कौन है जो चीर कर अंधेरे को
मेरी ओर चला आता है
शायद वो कोई और नहीं
है बस मेरा हमनशीं
पथरीले रास्ते पे चलते हुए पैरों की आहट है
यह कौन है जो चीर कर अंधेरे को
मेरी ओर चला आता है
शायद वो कोई और नहीं
है बस मेरा हमनशीं